प्रतिस्थापित -विस्थापित –स्थापित
Replaced-Displaced-Propounded
AJAY SHARMA
नदी किनारे मृण मूर्ति,फूल-पत्र और विभिन्न प्रकार के विसर्जित जंतु अवशेष और मानव समाज से जुड़ी वस्तुएं। ये सब अपने आप में एक रूप स्थापित करते हैं। विभिन्न अभियानों के बावजूद ये विसर्जित वस्तुएं मुझे मानवीय अवस्था का रूप-मात्र लगती हैं। अपने आप मेंएक इंस्टालेशन...जिसे फिर से एक अन्य माध्यम में निश्चित स्थान पर प्रस्तुतकरने की यह मेरी एक कोशिश मात्र है। यहकेवल वास्तु और अवस्था की खोज नहीं हैं, यह वास्तु के माधयम से एक मानवीय अवधारणा और अस्तित्व की खोज जैसा है। जिस प्रकार ये बनते और बिगड़ते हैंतथा कई अन्य रूपों में परवर्तित होते हुए अपना स्वरूप बदलते रहते हैं, यह पूरी प्रक्रिया मुझे एक रूपक में स्थापित लगती है।
इसका दूसरा पहलू एक प्रकार से दैनिक जीवन से होने वाले प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जहां कई विचारधाराएं जुड़ी हुई हैं। इस संदर्भ में मुझे विसर्जन की यह प्रक्रिया विषर्जन के समान प्रतीत है...अर्थात विष का अर्जन। मनुष्य सदियों से विसर्जन के जरिए अपने जीवन में विष का अर्जन करता रहा है। यह वर्तमान में नदियों की आस्था और उससे जुड़ा विषय है। हजारों अभियान और जागरूकता के बाद भी यह एक विचारणीय समस्याहै।
यह अनिश्चित और दूरगामी प्रभाव को नदियों में छोड़ती जाती है। यह देश की सबसे पवित्र नदी मानी जाने वालीगंगा का ही नहीं बल्कि दूसरी बेहद महत्वपूर्ण नदियों से जुड़ी समस्या भी है।
माध्यम - पिन होल कैमरा :-
21वीं सदी में जहां हम 3D फोटो टेक्निक की बात करते हैं वहां पिनहोल की प्रक्रिया और इमेज मेकिंग में एकदम अनिश्चित,धुंधलापन और आकस्मिक प्रभाव लिए हुए होता है। यह ठीक जीवन की तरह धुंधला और अनिश्चितता लिए हुए है, जो बनने और बिगड़ने की प्रक्रिया के साथ जीवन से जुड़ा रहता है। मैं जीवन की इन विषमता और उसकी अकस्मिकता को देख आश्चर्य और आनंदित होता रहता हूं। यह विधि मेरे विषय और माध्यम को जोड़ने की कोशिश है, जिसकी प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है।
BIO
B. Ajay Sharma’s visual art tries to develop a language, which embodies the contradiction of dualities like life & death, being & nonbeing. His works are about the recreation or a rediscovery of that.
The seed for this process of discovery was planted in his native place Deoghar, where he was brought up hearing stories from her mother.
Apart from his childhood, content for his works also comes from the ritualistic milieu of Varanasi, where he obtaining a Bachelor of Fine Arts from Banaras Hindu University, Varanasi, Uttar Pradesh. He then came to New Delhi to continue his fine arts studies with a post‐graduation from Jamia Millia Islamia.
Coming from a family of carpenters, where hand skill had been a means to earn a living, Ajay integrated these skill with his vision in the creation of his art. His art is influenced stark realities and the experiences of his life.
He is currently practicing various mediums of photography, including alternative photography techniques.
Recently he working on Shay-Ghar foto studio collaboration with vadhera art gallery curate and conceptualize by Julia Libertad 2015 . He is Part of Public performance by Peepal Tree art project (pta)2015 curate by Satadru sovan,Art & breakfast in Malaga ,(Spain)2015. His work was exhibited at the India Art Fair 2014-15 with Neilsion Art Gallery, Spain and wonderwall new Delhi. He had a residency in Spain followed by a solo show at Neilsion Art Gallery. 2014 Degenerate, curate by Blessy Augustine at Vadehra Art Gallery, New Delhi, 2013 Two-month ALTlab photography residency at Goa Center for Alternative Photography (Goa-CAP), as an artist/photographer . 2013 Taipe Photo Art Fair Taiwan. 'Ye Hai India Darling' Curated by Pia Camilla Copper, at XVA,Gallery DIFC and XVA Bastakiya, Dubai.
He is also the founder of Syah-Ghar, an alternative photography studio in New